मानव और विचार
यह एक गहरा और सटीक तथ्य है कि "99.9% विचार हमारे अपने नहीं होते, फिर भी हम उन्हें अपना मानकर दुखी होते हैं।" इस बात में मनोविज्ञान, अध्यात्म और चेतना — तीनों का सार छिपा है। आइए इसे विस्तार से समझें। 🌼 प्रस्तावना मनुष्य अपने जीवन में हर क्षण सोचता रहता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक व्यक्ति के मन में प्रतिदिन लगभग 60,000 से 70,000 विचार आते जाते हैं। पर आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से अधिकांश विचार दोहराए जाने वाले, नकारात्मक और दूसरों से ग्रहण किए हुए होते हैं। यही अज्ञान है कि हम अपने मन की शांति खो देते हैं और दुःख, तनाव, भय या अपराधबोध में जीते हैं। 🧠 1. विचार कहां से आते हैं? विचार तीन प्रमुख स्रोतों से आते हैं – (1) सामाजिक व मानसिक प्रभाव से हमारा परिवार, समाज, शिक्षा, धर्म, मीडिया, और वातावरण — लगातार हमें विचारों के रूप में प्रोग्राम करते रहते हैं। बचपन में जो बातें हमें सिखाई जाती हैं — "तुम कमजोर हो", "यह गलत है", "दुनिया खतरनाक है" — वे हमारे अवचेतन मन में बैठ जाती हैं। बाद में जब कोई स्थिति आती है, तो वही ...