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नेत्र ज्योति

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*नेत्रघूर्णन, अनुलोम-विलोम प्राणासनः– सिद्वासन* अथवा वज्रासन में बैठकर नेत्रों द्वारा सर्वप्रथम भ्रूमध्य / नासाग्र अथवा ठीक सामने देखते हैं फिर आँखों को बाँयी और घुमाकर श्वास लेते हैं। फिर आँखों को दाँयी और घुमाकर श्वास छोड़ देते हैं फिर उसी ओर से श्वास लेकर आँखों को बाँयी और घुमाकर श्वास छोड़ते हैं, उसी ओर से श्वास लेकर आँखों को दाँयी और घुमाकर श्वास छोड़ते हैं। इस अभ्यास में एकान्तर क्रम से श्वास बाँये और दाँये नासा रन्ध्र से प्रविष्ट और निर्गत होता है। यह अनुलोम-विलोम प्राणायाम की सर्वोत्कृष्ट और सूक्ष्मतम विधि है। इसके अभ्यास से मात्र नेत्रघूर्णन (eye movement) से इडा और पिंगला स्वर परिवर्तित किया जा सकता है। अंत में हाथों की हथेलियों को अच्छी तरह आपस में रगड़कर, इस तरह आँखों पर रखते हैं कि अंगूठे के नीचे का शुक्रवलय का भाग (thener eminence) नेत्रों के ऊपर ठीक से व्यवस्थित हो जाये। जब ऊष्ण हथेलियों का तापमान सामान्य हो जाये तो हथेलियों को नेत्रों से हटा लेना चाहिए। यह प्रक्रिया तीन बार अवश्य करनी चाहिए क्योंकि नेत्र प्रकाश (आलोचक पित्त) स्रोत हैं इनसे निकलने वाली किरणों

सत्य स्वरूप

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*मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य स्वयं के सत्य स्वरूप का बोध है।जाग्रत अवस्था में भी हम बाहरी दृश्यों में उलझे रहते हैं, जिससे हमें लगता है कि हम जागरूक हैं, जबकि हम स्वयं के प्रति सचेत नहीं होते। यह जागरूकता केवल बाहरी जगत की नहीं, बल्कि आत्मिक अनुभूति की होनी चाहिए। दृश्य और द्रष्टा के द्वैत से परे जाकर ही सच्चे अर्थों में जागरण संभव है। जब हम इस द्वैत से मुक्त होकर अद्वैत का अनुभव करते हैं, तब ही वास्तविक जागरूकता का जन्म होता है। बाहरी दृश्यों ने हमें स्वयं से दूर कर दिया है, और हम उसी जगत को सत्य मान बैठे हैं, जो हमारे अंतर्मुखी सत्य का प्रतिबिंब मात्र है। इस माया के प्रभाव से मुक्त होकर अपने अंदर छिपे सत्य को पहचानना ही जीवन का उद्देश्य है।जब हम सत्य को पहचान लेते हैं, उसी क्षण माया के प्रभाव से मुक्त हो जाते हैं।माया अर्थात जो है ही नहीं। *ॐ आनन्दाय नमः।*

Divine Quotes

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*Divine Quotes* 1.सुरक्षित सुनहरी गेंद में सुरक्षा के लिए रेकी को धन्यवाद।. 2.हर नकारात्मक या सकारात्मक विचार को दृष्टा भाव से देखें।कोई भी विचार आपका नहीं है और आप विचार भी नहीं हो। 3.भाव रहे कि ईश्वर सदैव पूर्ण स्वास्थ्य की अभिव्यक्ति करता है। 4.सब कुछ ईश्वरमय ही है। 5.सत्य खो नहीं सकता, माया मिल नहीं सकती। 6.अपनी आधारभूत ईश्वरीय शक्ति को याद रखे और अपने सत्य अनुभव की अभिव्यक्ति करें। 7.निरंतर क्षमा व कृतज्ञता प्रसन्नता की चाबी है।अपनी व दूसरो की गलती को क्षमा करे क्योकि कोई दूसरा है ही नहीं।सदा कृतज्ञता के भाव में रहें। 8.बिना शर्त प्रेम का होशपूर्वक, सजगता से प्रयत्न करे बिना किसी अपवाद आप सभी को बेशर्त प्रेम दें। 9.किसी की किसी से तुलना नहीं, ठप्पा नहीं, चिपकी नहीं।क्योंकि सब ही ईश्वर की रचना है।ईश्वर की अनंत कृपाओं को स्मरण करते रहें।नाम,रूप,आकार से परे अपनी समझ,दृष्टि अनंत, अदृश्य,अगम,अगोचर, सर्वव्यापी पर रखें।

Surrender-A moment of awareness

Moment of awareness 🪷 Swim down the river.  Client : _I have worked with my therapist for a while now. I have tried everything, but I don’t understand how to stop feeling this way_.” “What is this feeling? Let’s talk.” Client _I have chronic anxiety and fear. And seeing the way the world is, the global state of affairs, the wars, the global warming, not to mention my personal relationships, makes it seem overwhelming_.” “Hmm.” “I forgot the pandemic. So much suffering for the past few years all around us.” “That’s quite true.” “So what is the solution to this suffering?” “What is suffering? What do we mean by that word?” “I guess pain. Hurt. Fear.” “The word suffering comes from the Latin words. Sub and ferre. ‘Sub’ means below, and ‘ferre’ means to bear. So what you bear underneath, is suffering.” “That makes sense.” “But what is actually suffering?” “Hmm. I guess I don’t really know beyond what I already said.” “Let me ask you something. Do you like swimming?” “I actually don’t. But

Benefits of Reiki Healing

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Reiki healing is a form of energy healing that aims to balance the body's energy and promote relaxation and healing on physical, mental, and emotional levels. While scientific evidence on the effectiveness of Reiki is limited, many people report various benefits. Here’s a breakdown of the potential problems Reiki healing may address: ### 1. **Physical Problems:**    - **Chronic Pain:** Reiki may help alleviate chronic pain conditions, including back pain, headaches, and arthritis.    - **Fatigue:** People often feel more energized after Reiki sessions, which may help combat fatigue and exhaustion.    - **Digestive Issues:** Reiki may help balance the digestive system, reducing symptoms of irritable bowel syndrome (IBS), indigestion, and other digestive concerns.    - **Sleep Problems:** Many people report improved sleep patterns and relief from insomnia after Reiki sessions.    - **Immune Function:** Reiki is believed to boost the immune system, helping the body to figh

Breath Deeply

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*Add Deep Breathing to Your Dincharya!* 🧘‍♂️🌬️ Breathe in. Breathe out. We do this all day, every day without a thought. Ask yourself this: when was the last time you took a deep breath? Probably not as frequently as you think. Deep breathing is one of our easiest, most convenient, and natural tools to combat issues like stress and anxiety, reduce pain, high blood pressure, and even aid in digestion.  *Why Deep Breathing? 🌟* Extra oxygen does wonders for the body and mind. It cleanses, opens, and soothes different parts of our being, making it extremely healthy. Here are a few benefits of deep breathing: 1. *Decreases Stress, Increases Calm* 🧘‍♀️✨    - When stressed or anxious, your brain releases cortisol, the "stress hormone." Deep breaths slow your heart rate, allow more oxygen into your bloodstream, and signal your brain to relax. Deep breathing also boosts endorphins, the “feel-good” chemical. 2. *Relieves Pain* 🌼💊    - Deep breathing triggers the relea

गले की खराबी दूर करने के उपाय

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गला खराब होने पर निम्नलिखित देसी उपाय अपनाए जा सकते हैं: 1. **नमक के पानी से गरारे:** एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार गरारे करें। इससे गले की सूजन और दर्द में राहत मिलती है। 2. **शहद और अदरक का सेवन:** एक चम्मच शहद में थोड़ी सी अदरक का रस मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें। शहद गले को मुलायम करता है और अदरक की गर्मी सूजन को कम करती है। 3. **तुलसी की चाय:** कुछ तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर चाय बनाएं और उसमें शहद मिलाकर पिएं। तुलसी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो संक्रमण को दूर करते हैं। 4. **हल्दी वाला दूध:** एक गिलास गरम दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो गले की सूजन को कम करते हैं। 5. **मुलहठी का उपयोग:** मुलहठी की छोटी सी टुकड़ी चबाएं या उसकी चाय बनाकर पिएं। मुलहठी गले की खराश को कम करती है और सूजन में राहत देती है। 6. **लौंग का सेवन:** 1-2 लौंग को मुँह में रखकर चूसें। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो गले की समस्याओं में राहत पहुंचाते हैं।  7.**पानी