जीवन के धक्के
जीवन को अक्सर एक शिक्षक के रूप में देखा जाता है, जो हर कदम पर हमें नई सीख देता है। यह सीखें न तो किसी पाठ्यपुस्तक में मिलती हैं और न ही कोई दूसरा व्यक्ति हमें सिखा सकता है। जीवन अपनी कठिनाइयों, संघर्षों और अनुभवों के माध्यम से हमें धक्के मार कर सिखाता है, क्योंकि यही वह तरीका है जिससे इंसान असली ज्ञान प्राप्त करता है। जीवन के धक्कों का महत्व: 1. वास्तविकता का सामना: जब तक इंसान को धक्के नहीं लगते, वह अक्सर अपनी कल्पनाओं और भ्रम में जीता है। जीवन के कठिन अनुभव उसे वास्तविकता से रूबरू कराते हैं। उदाहरण के लिए, असफलता या धोखा खाने के बाद ही इंसान समझ पाता है कि किन बातों पर भरोसा करना चाहिए और किन पर नहीं। 2. स्वयं की क्षमता का बोध: धक्के खाने से व्यक्ति को अपनी कमजोरियों और क्षमताओं का अंदाजा होता है। जब जीवन हमें गिराता है, तब ही हमें यह समझ में आता है कि हमारे अंदर उठने की कितनी ताकत है। 3. परिपक्वता: जो व्यक्ति धक्के खा कर उठ खड़ा होता है, वह परिपक्व और समझदार बनता है। जीवन के अनुभव उसे केवल मजबूत ही नहीं बनाते, बल्कि उसकी सोच को गहराई भी देते हैं। सीखने की प्रक्रिया: धक्के तब तक अपना...