ऑर्थराइटिस से बचाव
अर्थराईटिस "अर्थराईटिस" यानि "जोड़ों के दर्द" को बुढ़ापे की बीमारी समझा जाता है लेकिन यह सरासर गलत है। यह बीमारी अब युवाओं में भी देखने को मिल रही है। अर्थराईटिस घुटनों, उंगलियों और कूल्हों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। अर्थराईटिस के शुरूआती लक्षण जैसे पैर मोड़ने में दर्द होना, सीढ़ियाँ चढ़ने में दिक्कत आना, घुटनों में लगातार दर्द बना रहना आदि। अर्थराईटिस रोग में उठने बैठने, चलने फिरने आदि में बेहद दर्द होता है। उम्र बढ़ने के साथ जब घुटनों की कार्टिलेज घिस जाती है तब हड्डियाँ एक दूसरे से रगड़ने लगती हैं और रोगी को बेहद दर्द होता है। आस्टियो अर्थराईटिस के कारण 1. मिर्च-मसालेदार चीजें अधिक खाना। 2. माँस खाना। 3. मोटापा। 4. तला हुआ खाना खाने से। 5. हार्मोनल असंतुलन। 6. कुपोषण। 7. आनुवांशिक कारण। 8. चोट लगना। आस्टियो अर्थराईटिस के दो चरण होते हैं और यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है जिसके लिए आपको जीवनशैली में थोड़ा परिवर्तन करना पड़ेगा। अर्थराईटिस से बचाव के उपाय 1. अपने खाने में छिलके वाली मूँग की दाल, चोकर युक्त आटे की रोटी, लौकी, पत्तागोभी, गाजर, अदरक, परव...