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समर्पण

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-  भीतर  के  "मैं"  का  मिटना  आवश्यक  है -  सुकरात  समुन्द्र  तट  पर  टहल  रहे थे | उनकी  नजर तट  पर  खड़े   रोते  हुए एक बच्चे  पर  पड़ी | वे उसके  पास  गए  और  प्यार  से उसके  सिर पर  हाथ  फेरकर  पूछा , -''तुम  क्यों  रो  रहे  हो? लड़के  ने  कहा-  'ये जो मेरे  हाथ में प्याला है  इसमें मैं  इस  समुन्द्र  को  भरना  चाहता  हूँ पर यह मेरे  प्याले  में  समाता  ही नहीं ' | बच्चे  की  बात  सुन  सुकरात  विस्माद  में  चले गये  और  स्वयं  रोने  लगे | बच्चा  कहने  लगा-  आप  भी  मेरी  तरह  रोने  लगे पर  आपका  प्याला  कहाँ  है? सुकरात  ने  कहा  - बालक, तुम  छोटे  से  प्याले  में  समुन्द्र...

Attitude of Gratitude

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Attitude of Gratitude Everything depends on your point of view.There are so many things to be grateful for from life. If we start to be thankful for everything we have, instead of what we do not have, we'll start to appreciate our life on this earth more.  What are you grateful for? Next time you complain about the price of petrol/gas, stop and give thanks that you have a car. Next time you complain about a messy house, stop and be thankful you have a family to make the mess.           Next time you complain about your boss, stop and give thanks that you have a job. Live and enjoy each moment with an attitude of gratitude and you will be on your way to a happiest life.

True Healing

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True Healing, Satya Mahesh Seth, We all are light beings in the now, and we radiate light at revery moment of life. However, thoughts feelings, beliefs and emotions are simply keeping us away to realise  this truth of life. Just choose to stay in the present & choose to stay aware and be who you are. Do nothing and BE.  True healing is when one realises the self and let go the all desires including the desire of healing and stay in this moment. What if you choose a session with me for true healing? Contact me at 07415865321 Regards.

Happiness

खुश रहने वाले लोगों की 7 आदत Friends, खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है. आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है? क्यों हम कहते हैं कि childhood days life के best days होते हैं? क्योंकि हम पैदाईशी HAPPY होते हैं; पर जैसे -जैसे हम बड़े होते हैं हमारा environment, हमरा समाज हमारे अन्दर impurity घोलना शुरू कर देता है….और धीरे-धीरे impurity का level इतना बढ़ जाता है कि happiness का natural state sadness के natural state में बदलने लगता है. पर ऐसा सबके साथ नहीं होता है दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी Happy रहने की natural state को बचाए रख पाते हैं और Life-time खुशहाल रहते हैं. तो क्या ऐसे व्यक्ति हमेशा खुश रहते हैं? नहीं, औरों की तरह उनके जीवन में भी दुःख-सुख का आना जाना लगा रहता है, पर आम तौर पर ऐसे व्यक्ति व्यर्थ की चिंता में नहीं पड़ते और अक्सर हँसते -मुस्कुराते और खुश रहते हैं. तो सवाल ये उठता है कि जब ये लोग खुश रह सकते हैं तो बाकी सब क्यों नहीं?आखिर उनकी ऐसी कौन सी आदतें हैं जो उन्हें दुनिया भर की टेंशन के बीच भी खुशहाल बनाये रखती हैं? आज इस लेख के जरिये मैं आपके साथ...

तत्वमसि

तत्वमसि हर मनुष्य जाने अनजाने कुछ खोज रहा है।पर जानता नहीं क्या,क्यों और कैसे खोजना है ।और जो खोज रहा है वह खोया ही नहीं है। यह कुछ इसी तरह की बात है कि चश्मा लगाया हुआ है और उसे ही ढूंढ रहे हैं। मनीषी दृष्टा सदियों से बार बार यह सत्य बताते रहे हैं कि तुम्हें कुछ नहीं खोजना है क्योंकि वह खोया ही नहीं है और इसके लिए कुछ नहीं करना है।   पर क्रियाशील मनुष्य को अक्रिया में होने की स्थिति का परिचय नहीं होता और हो भी नहीं सकता।     कारण उस "कुछनहीं" या "सबकुछ" का अनुभव चंचल मन को नहीं होता।क्योंकि मन का अस्तित्व ही विरोधाभासों में है।अच्छा - बुरा,काला-सफेद,सुख-दुख की अनुभूति मन का संसार है। मन द्वारा रचित व अनुभव की गई हर वस्तु, व्यक्ति नश्वर है तो वह अनश्वर को कभी कैसे जान सकता है। वर्तमान में एक पल के लिये जानें कि रूप, रस,गंध,स्पर्श,शब्द किस सत्ता में अनुभव हो रहे हैं।भावना किस सत्ता से उठती  है और कहाँ विलीन होती हैं।तो तुम सहज ही इस मायावी संसार के सत्य को,मूल को जानकर वही हो सकते हो।तुम जान पाओगे अपने जीवन के सत्य को।यानी असीम प्रेम,आनंद,परम मौन को।और तब ही मिटेगा अ...

Divine Books links

*Saffron e-Library* यह e - Library है, इसमें कई सौ अमूल्य ग्रंथों के PDF हैं, ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों के काम आ सकें, देश - धर्म संबंधी अमूल्य पुस्तकें इन लिंक्स में संग्रहीत हैं, आप विषय देखकर लिंक खोलें तो बहुत सी पुस्तकें मिलेंगी, सभी पुस्तकें आप निःशुल्क download कर सकते हैं, इन लिंक्स की किताबें दो साल में अलग अलग स्त्रोतों से इकट्ठी की गईं हैं, अपनी पसंद की किताबें पढ़ें । Aadi Shankaracharya - आद्य शंकराचार्य :- https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRallkZ0VIWnRPVjA Sri Aurobindo - श्री अरविंदो :- https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRSWktaVFPa2tSa2s Swami Dayananda - स्वामी दयानंद :- https://drive.google.com/folder/d/0B1giLrdkKjfRZnUxOEpPSVBHVzQ/edit Swami Vivekanand - स्वामी विवेकानन्द :- https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRMFAtTi1yUFAzdW8 Swami Shivanand - स्वामी शिवानंद :-  https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRYXJDclQwYTBfWFk Swami Ramteerth - स्वामी रामतीर्थ :- https://drive.google.com/open?id=0B1giLrdkKjfRNGlYZzhqTEQtcU0 Sitaram G...

शुद्ध जल कैसे ग्रहण करें?

अपने आंतरिक स्व को प्रदूषित करना बंद करें।       मानव शरीर के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषक तत्वों में से पानी निस्संदेह सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है।      यह मानव शरीर के कामकाज और नियमन के लिए अपरिहार्य है क्योंकि यह हमारे शरीर के वजन का लगभग 60-70% होता है, शरीर की हर कोशिका को जीवन प्रदान करता है, हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और शरीर के पोषक तत्वों और अन्य महत्वपूर्ण पदार्थों का वाहक है।     जबकि हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे द्वारा बाहर से सेवन किया जा रहा पानी शुद्ध, सुरक्षित और अदूषित हो; हम वास्तव में कभी नहीं सोचते कि हमारे भीतर का पानी कितना अशुद्ध या दूषित है। *क्रोध, घृणा, उदासी, चिंता, भय और ईर्ष्या का हर भाव व हर विचार हमारे भीतर पानी के सभी अणुओं को दूषित कर देता है* और बाद में हमारे सिस्टम में इस दूषित पानी का संचार *हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है*। प्रदूषित पानी का यह प्रदूषण और संचलन विभिन्न बीमारियों, बीमारी और अस्वस्थता के प्रमुख कारणों में से एक है जिससे मनु...