अभाव की सोच से मुक्ति

अभाव की मानसिकता (Scarcity Consciousness)

अभाव की मानसिकता वह गहरी जमी हुई सोच है जिसमें हमें हमेशा यह लगता है कि कभी कुछ पर्याप्त नहीं है—चाहे वह पैसा हो, समय हो, प्यार हो, सम्मान हो, अच्छा काम हो या जीवन में अवसर।
यह सोच हमें यह विश्वास दिलाती है कि यदि किसी और को सफलता मिल रही है तो उसका अर्थ है कि हम हार रहे हैं। इसी कारण हम कई बार ऐसे रिश्तों या नौकरियों में फँसे रहते हैं जो हमें संतुष्टि नहीं देते—सिर्फ इसलिए क्योंकि हमें डर लगता है कि शायद इससे बेहतर विकल्प कहीं नहीं है।

अधिकतर समय हमारा मस्तिष्क और उसकी न्यूरल पाथवे (Neural Pathways) अभाव की सोच से बने रहते हैं। बचपन से हमें यह मान्यताएँ सिखाई जाती हैं—“कभी पर्याप्त नहीं होता”, “पैसे के लिए संघर्ष करना पड़ता है”, “जीवन आसान नहीं है”।

यह सोच हर निर्णय को एक बड़ा जुआ बना देती है। छोटी-सी गलती का भी डर बना रहता है क्योंकि भीतर से आवाज आती है—“अगर यह गलत हो गया तो मेरे पास और मौका नहीं होगा।”
परिणामस्वरूप, हम बेहतर भविष्य की कल्पना ही नहीं कर पाते और अभाव के चक्र में फँस जाते हैं।

👉 जागरूक रहें
जब भी आपके मन में पैसे, रिश्तों, प्यार, अवसर या काम के बारे में अभाव की सोच आए, तो स्वयं से पूछें—

  • मैं अभाव को क्यों चुन रहा हूँ?
  • मैं क्यों मान रहा हूँ कि पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं हैं?

🌸 Abundance (समृद्धि) की ओर कदम

  1. हर सुबह समृद्धि का संकल्प लें
    खुद से कहें:
    “आज मेरे पास पर्याप्त अवसर हैं। मेरे पास प्रेम है। मेरे पास संतोषजनक कार्य है। मेरे पास सहयोग और आनंद है।”

    इसे बार-बार दोहराने से पुराने अभाव वाले विचार धीरे-धीरे टूटने लगेंगे और मस्तिष्क नई समृद्धि वाली न्यूरल पाथवे बनाने लगेगा।

  2. कृतज्ञता का अभ्यास करें
    प्रतिदिन छोटे-छोटे चीज़ों के लिए आभार जताएँ।
    “आज मैं उन सभी छोटी-छोटी चीज़ों के लिए आभारी हूँ जो मेरे पास हैं।”

    जब आप प्रतिदिन यह करेंगे तो आपका मन समझने लगेगा कि आपके पास पहले से ही बहुत कुछ है और कमी का भाव धीरे-धीरे समाप्त होगा।

✨ धीरे-धीरे यह आदत आपके भीतर समृद्धि का अनुभव पैदा करेगी और आप देखेंगे कि जीवन में अभाव नहीं बल्कि असीमित संभावनाएँ हैं।

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