नव ग्रह पूजन के लाभ

नवग्रह पूजन के लाभ

नवग्रह पूजन का महत्व वैदिक ज्योतिष और आध्यात्मिक परंपराओं में बहुत अधिक है। नवग्रह पूजन से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ग्रहों के अशुभ प्रभावों को शांत किया जा सकता है। हर ग्रह का एक विशेष प्रभाव होता है, और उनकी शांति के लिए पूजन करने से अनेक लाभ मिलते हैं।
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नवग्रह पूजन से मिलने वाले लाभ

1. ग्रहों के अशुभ प्रभावों की शांति
यदि कुंडली में कोई ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो नवग्रह पूजन से उसका प्रभाव कम होता है।
विशेष रूप से शनि, राहु, और केतु जैसे ग्रहों के दोष से मुक्ति मिलती है।
यह राहु-केतु की महादशा और शनि की साढ़ेसाती जैसे समय में विशेष रूप से सहायक है।
2. जीवन में बाधाओं का समाधान
जिन व्यक्तियों को जीवन में बार-बार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, उनके लिए यह पूजन अत्यंत लाभकारी है।
यह आर्थिक, स्वास्थ्य, पारिवारिक और करियर से जुड़ी समस्याओं का समाधान करता है।
3. स्वास्थ्य में सुधार
यदि किसी ग्रह के दोष के कारण स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हों, तो नवग्रह पूजन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
सूर्य और चंद्रमा के पूजन से मानसिक शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है।
4. रिश्तों में सुधार
नवग्रह पूजन से वैवाहिक जीवन और पारिवारिक संबंधों में मधुरता आती है।
यह विशेष रूप से शुक्र और चंद्रमा के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक है।
5. करियर और धन में वृद्धि
बृहस्पति, बुध, और शनि के अशुभ प्रभाव को शांत करने से करियर में स्थिरता और उन्नति होती है।
धन और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
6. आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा
नवग्रह पूजन से मन में शांति, सकारात्मकता, और आत्मिक संतुलन आता है।
यह आध्यात्मिक विकास के लिए एक मजबूत आधार बनाता है।
7. कुंडली दोषों का निवारण
नवग्रह पूजन का उपयोग कालसर्प दोष, पित्र दोष, ग्रहण दोष, और अन्य ज्योतिषीय दोषों के प्रभाव को कम करने में किया जाता है।

ग्रहों से संबंधित विशेष लाभ

1. सूर्य (Sun): आत्मविश्वास, ऊर्जा, और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि।

2. चंद्रमा (Moon): मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता।

3. मंगल (Mars): साहस, दृढ़ता, और शक्ति का विकास।

4. बुध (Mercury): बुद्धिमत्ता, संचार कौशल, और व्यापार में सफलता।

5. बृहस्पति (Jupiter): ज्ञान, समृद्धि, और धर्मिकता का आशीर्वाद।

6. शुक्र (Venus): प्रेम, सौंदर्य, और वैवाहिक सुख।

7. शनि (Saturn): धैर्य, कर्मफल, और न्याय का संतुलन।

8. राहु (Rahu): भ्रम और नकारात्मक ऊर्जा का निवारण।

9. केतु (Ketu): आध्यात्मिक जागरूकता और ध्यान में वृद्धि।
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नवग्रह पूजन कैसे करें?

1. सही समय का चयन करें:

ज्योतिषीय सलाह के अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजा करें।

नवग्रहों के विशेष मंत्रों का जाप करें।

2. आवश्यक सामग्री:

नवग्रह यंत्र, फूल, दीपक, धूप, तिल, गुड़, और विशेष ग्रह के रंग के वस्त्र या सामग्री।

3. मंत्र जाप:

प्रत्येक ग्रह का विशेष बीज मंत्र 108 बार जाप करें।

नवग्रह मंत्र:
"ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।" (सूर्य के लिए)
इसी प्रकार अन्य ग्रहों के मंत्र।

4. दान और आहार:

ग्रहों की शांति के लिए संबंधित ग्रहों से जुड़ी चीजें दान करें।

ग्रह दोष के अनुसार खान-पान में बदलाव करें।
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नवग्रह पूजन का प्रभाव कब दिखता है?

नियमित नवग्रह पूजन और मंत्र जाप से धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव दिखाई देते हैं।

यह प्रभाव ग्रहों की स्थिति और व्यक्ति की कर्मशीलता पर निर्भर करता है।
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उपसंहार

नवग्रह पूजन केवल ग्रहों के दोषों को शांत करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाने का भी साधन है। यदि इसे सच्चे मन और विश्वास के साथ किया जाए, तो यह जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकता है।

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