गुँजन योग से स्वास्थ्य

गुंजन योग, जिसे "नाद योग" भी कहा जाता है, ध्वनि और कंपन पर आधारित एक योग विधि है। इसके लाभ निम्नलिखित हो सकते हैं:

1. **मानसिक शांति**: ध्वनि और कंपन के माध्यम से मन को शांत करने में मदद करता है।
2. **ध्यान में सुधार**: ध्यान की अवस्था को गहरा करने में सहायक होता है।
3. **तनाव में कमी**: नियमित अभ्यास से तनाव और चिंता कम हो सकती है।
4. **आंतरिक संतुलन**: शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद करता है।
5. **चक्र जागरण**: शरीर के चक्रों को जागृत करने में सहायक होता है।
6. **आध्यात्मिक विकास**: आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक विकास में सहायता करता है।

ये लाभ व्यक्ति विशेष के अनुभव और अभ्यास की गहनता पर निर्भर कर सकते हैं।

गुंजन योग करने के लिए निम्नलिखित विधियों का पालन किया जा सकता है:

1. **शांत और आरामदायक स्थान चुनें**: एक ऐसा स्थान चुनें जहां आप बिना किसी व्यवधान के बैठ सकें।

2. **आरामदायक स्थिति में बैठें**: सुखासन (क्रॉस-लेग्ड पोज़) या पद्मासन (लोटस पोज़) में बैठें। रीढ़ को सीधा रखें और हाथों को घुटनों पर रखें।

3. **साँसों पर ध्यान केंद्रित करें**: कुछ गहरी साँसें लें और अपने मन को शांत करें।

4. **ध्वनि का उच्चारण करें**: अपने मुँह को बंद रखें और धीरे-धीरे 'म' ध्वनि का उच्चारण करें। यह ध्वनि भौंहों के बीच कंपन उत्पन्न करेगी।

5. **ध्वनि की लय बनाए रखें**: 'म' ध्वनि को निरंतर और समान लय में उच्चारित करते रहें। इसे 5-10 मिनट तक करें।

6. **ध्यान केंद्रित करें**: ध्वनि पर ध्यान केंद्रित रखें और इसे मन में गहराई से अनुभव करें। 

7. **अभ्यास का समापन करें**: धीरे-धीरे ध्वनि का उच्चारण बंद करें और कुछ देर के लिए आँखें बंद रखें। 

8. **सामान्य स्थिति में वापस आएं**: धीरे-धीरे आँखें खोलें और सामान्य स्थिति में लौट आएं।

शुरुआत में, इसे 5-10 मिनट तक करने का प्रयास करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। नियमित अभ्यास से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।

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