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ईश्वर को क्यों जानें?

ईश्वर प्रेम है ईश्वर शांति है ईश्वरानंद है ईश्वर महान है ईश्वर करुणा है ईश्वर दया है ईश्वर सजगता है ईश्वर क्षमता है ईश्वर अनेकता है ईश्वर एकता है ईश्वर भक्तों में ईश्वर है ...

चेतना क्या है?

चेतना क्या है? चेतना सब कुछ है, बिना धारणा, बिना निर्णय, बिना मत,बिना कल्पना के।चेतना सर्वव्यापी है।चेतना में ही संसार है।चेतना से ही संसार है।मानव मन में उठने वाले भाव,विचार का आधार चेतना ही है।मानव की हर क्रिया चेतना के पर्दे पर ही होती है।चेतना को समझने के लिए मन की धारणाओं व मान्यताओं को समझ कर उनके उद्गम स्थल तक जाने की सजगता रखनी होती है।विवेकपूर्ण सजगता ही शुद्ध चेतना है। दृश्य व अनुभूत जगत की हर वस्तु व स्थिति चेतना युक्त है पर उसे चेतना समझने की भूल न करें। प्राण व प्राणऊर्जा भी चेतना युक्त है पर वह भी चेतना नहीं है। जो कुछ भी मन व बुद्धि के द्वारा व्यक्ति अनुभूत करता है,वह चेतना नहीं है।परंतु चेतना व ऊर्जा की अभिव्यक्ति है,जैसे प्रकाश व फ़िल्म के संयोग के पर्दे पर फ़िल्म के दृश्य अनुभूत होते हैं।यह सब चेतना में,चेतना से,चेतना के लिए गतिशील है। चेतना की समझ आपको सुख दुख से मुक्त करती है और एक सत्य में स्थापित कर जीवन आनंदित करती है। यह सरल और सहज है।

Access Consciousness बार्स

Access Consciosness *एक्सेस बार प्वाइंट प्रशिक्षण उर्जा परिवर्तन* एक्सेस बार प्वाइंट  एक बहुत आसान विधि है यह आसान स्तर का प्रशिक्षण है। हमारे जीवन में ऊर्जा की जानकारी व समझ न होने के कार...

Pain

*Emotions & Pain* 1. *The pain in the muscles* Represents a challenging ability to move in our lives. How flexible are we be with our experiences at work, home or within ourselves. Go with the flow. 2. *The pain in the head* (Headaches) Limit decision making. Migraines occur when we know the decision to make and we do not take it. Make sure to take time each day to relax. Do something that will relieve that tension. 3. *Pain in the neck* Is an indication that you may be having trouble with forgiveness of others, or even yourself. If you’re feeling neck pain, consider the things you love about yourself and others. Consciously work toward forgiveness. 4. *Pain in the gums* Is related to decisions you do not take or that you do not stand. Be clear in your goals and go for it! 5. *Pain in the shoulder* May indicate that you’re carrying a real emotional burden. That’s where the saying “shouldering a problem” comes from. Focus in on some proactive problem solving and distributi...

सब भरपूर है।

सब भरपूर है। पैसा भरपूर है। जीवन भरपूर है। ध्यान भरपूर है। सब भरपूर है। आनंद भरपूर है। खुशी भरपूर है। प्रेम भरपूर है। सब भरपूर है। स्वास्थ्य भरपूर है। शक्ति भरपूर है। ऊर...

बच्चों का विकास

*बच्चों का सही समय पर उचित विकास* *प्रिय अभिभावकगण* निश्चित ही आप एक समझदार योग्यऔर प्रेमपूर्ण माता-पिता हैं, जो अपने बच्चों से प्रेम करते हैं तथा आपकी यह भावना होती है कि आपका प्यारा बच्चा योग्य, साहसी, विद्वान, विवेकी,स्वस्थ एवं शांत हो।वह बड़ा होकर के देश का एक महान नागरिक बने। विश्वास करें कि मेरी भी यह शुभ भावना है कि भारत के सभी बच्चे तथा युवा विद्वान सफल, सहनशील, विवेकशील,शक्तिशाली और योग्य बनें।अगर आप भी वास्तव में ऐसा ही चाहते हैं इसकी शुरुआत आपको आज व अभी ही करनी होगी। क्या आपको यह मालूम है की बच्चा जो भी अपने जन्म से लेकर के 3 साल की उम्र तक सीखता है, उसी के अनुसार पूरे जीवन उसका व्यवहार आचार और जीवन होता है।इसका तात्पर्य यह है कि बचपन में या कहें कि जब तक बच्चा 4 या 5 साल का होता है तब तक उसमें प्रेमकरुणा,धैर्य,साहस इत्यादि सदगुणों को सहज में विकसित करने की कितनी बड़ी और जरूरी जिम्मेदारी है और उस उम्र में बच्चे के माता, पिता, दादा, दादी,नाना, नानी, चाचा, चाची,मामा, मामी, जो कुछ भी बोलते हैं,जो कुछ भी उसके सामने व्यवहार करते हैं, जो कुछ भी उसको समझाइश देते हैं। उस का प्रभा...

बच्चो का विकास

*बच्चों का सही समय पर उचित विकास* *प्रिय अभिभावकगण* निश्चित ही आप एक समझदार योग्यऔर प्रेमपूर्ण माता-पिता हैं, जो अपने बच्चों से प्रेम करते हैं तथा आपकी यह भावना होती है कि आपक...