Overthinking से बचने की विधि

Overthinking (अत्यधिक विचार करना) एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति बार-बार एक ही बात को सोचता रहता है, निर्णय नहीं ले पाता या भविष्य व भूतकाल की घटनाओं में उलझा रहता है। यह कई प्रकार की हो सकती है और इसके मानसिक व शारीरिक हानिकारक प्रभाव होते हैं।
Overthinking के प्रमुख प्रकार
1. Rumination (पछतावा आधारित सोच):
भूतकाल की घटनाओं पर बार-बार विचार करना – जैसे, "काश मैंने ऐसा नहीं किया होता।"
2. Worrying (चिंता आधारित सोच):
भविष्य की कल्पनाओं में खो जाना – "अगर ऐसा हो गया तो क्या होगा?"
3. Decision Paralysis (निर्णयहीन सोच):
विकल्पों में उलझ कर निर्णय न ले पाना – "यह सही है या वह?"
4. Self-Doubt (आत्म-संदेह):
खुद पर विश्वास न करना – "क्या मैं यह कर सकता हूँ?"
5. Hypothetical Overthinking (काल्पनिक सोच):
जो घटा ही नहीं, उस पर सोचना – "अगर वह ऐसा कह देता तो क्या होता?"
Overthinking से होने वाली हानियाँ
मानसिक तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety)
नींद की कमी (Insomnia)
निर्णय लेने की क्षमता में गिरावट
स्वास्थ्य समस्याएँ (जैसे Blood Pressure, सिरदर्द)
रिश्तों में तनाव
आत्म-विश्वास में कमी
Depression का खतरा
Overthinking से बचने के उपाय
1. Mindfulness और Meditation:
वर्तमान में रहने का अभ्यास करें। रोज़ 10-20 मिनट ध्यान करें।
2. सोचने का समय निर्धारित करें:
सोचने के लिए दिन में केवल 10–15 मिनट तय करें। बाकी समय में मन हटाएँ।
3. लिखना (Journaling):
जो सोच रहे हैं उसे लिखें, मन हल्का होगा।
4. शारीरिक गतिविधि:
वॉक, योग, व्यायाम करें – इससे मन स्थिर होता है।
5. निर्णय लेने में सरलता रखें:
Perfect की बजाय "Good Enough" को स्वीकारें।
6. सकारात्मक पुष्टि (Affirmations):
“मैं वर्तमान में शांति से हूँ।” जैसी बातें बार-बार दोहराएँ।
7. सामाजिक संवाद:
अपने मन की बातें भरोसेमंद व्यक्ति से साझा करें।
8. Digital Detox:
सोशल मीडिया से समय निकालें, क्योंकि यह Overthinking को बढ़ाता है।
Overthinking से मुक्त होने के लिये संपर्क करें - 
सत्य महेश भोपाल 
9340188863;7415865321

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