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Showing posts from August, 2016

जीवन सन्देश

*इस मैसेज को गौर से दो बार पढे !* *जिस दिन हमारी मौत होती है, उस दिन हमारा पैसा बैंक में ही रह जाता है।* *जब हम जिंदा होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे पास खच॔ करने को पया॔प्त धन नहीं है।* *जब हम चले जाते है तब भी बहुत सा धन बिना खच॔ हुये बच जाता है।* *एक चीनी बादशाह की मौत हुई। वो अपनी विधवा के लिये बैंक में 1.9 मिलियन डालर छोड़ कर गया। विधवा ने जवान नौकर से शादी कर ली। उस नौकर ने कहा -* *"मैं हमेशा सोचता था कि मैं अपने मालिक के लिये काम करता हूँ अब समझ आया कि वो हमेशा मेरे लिये काम करता था।"* *सीख?* *ज्यादा जरूरी है कि अधिक धनाज॔न कि बजाय अधिक जिया जाये।* *अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिये प्रयास करिये।* *"मँहगे फ़ोन के 70% फंक्शन अनोपयोगी रहते है।"* *"मँहगी कार की 70% गति का उपयोग नहीं हो पाता।"* *"आलीशान मकानो का 70% हिस्सा खाली रहता है।"* *"पूरी अलमारी के 70% कपड़े पड़े रहते हैं।"* *🌹पूरी जिंदगी की कमाई का 70% दूसरो के उपयोग के लिये छूट जाता है।🌹* *🌹70% गुणो का उपयोग नहीं हो पाता है।🌹* *🌹तो 30% का पूण॔ उपयोग कैसे हो ।

श्री कृष्णा

पहले कृष्ण जी के बारे में जाने फिर जन्मास्टमी की शुभ कामना दे देवता को डॉन तड़ीपार से संबोधित करना गलत है *भगवान श्री कृष्ण*.....🌹 भगवान् *श्री कृष्ण* को अलग अलग स्थानों में अलग अलग नामो से जाना जाता है। * उत्तर प्रदेश में कृष्ण या गोपाल गोविन्द इत्यादि नामो से जानते है। * राजस्थान में श्रीनाथजी या ठाकुरजी के नाम से जानते है। * महाराष्ट्र में बिट्ठल के नाम से भगवान् जाने जाते है। * उड़ीसा में जगन्नाथ के नाम से जाने जाते है। * बंगाल में गोपालजी के नाम से जाने जाते है। * दक्षिण भारत में वेंकटेश या गोविंदा के नाम से जाने जाते है। * गुजरात में द्वारिकाधीश के नाम से जाने जाते है। * असम ,त्रिपुरा,नेपाल इत्यादि पूर्वोत्तर क्षेत्रो में कृष्ण नाम से ही पूजा होती है। * मलेशिया, इंडोनेशिया, अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस इत्यादि देशो में कृष्ण नाम ही विख्यात है। * गोविन्द या गोपाल में "गो" शब्द का अर्थ गाय एवं इन्द्रियों , दोनों से है। गो एक संस्कृत शब्द है और ऋग्वेद में गो का अर्थ होता है मनुष्य की इंद्रिया...जो इन्द्रियों का विजेता हो जिसके वश में इंद्रिया हो वही गोविंद है गोपा

ऊर्जा और विचार से ख़ुशी प्राप्त करें।

मौज में रहें,दुखी होना अज्ञान है। शरीर, ऊर्जा,और विचार का विज्ञान। इस भौतिक शरीर के क्रियाकलाप मनुष्य के विचारों और बुद्धि पर आधारित होते हैं।शरीर के स्वस्थ्य या अस्वस्थ होने में मनुष्य के विचार एक मात्र कारण होते हैं। शरीर का मन के साथ सूक्षम संबंध होता है जो मानव बुद्धि यदि समझ पाती है और विश्वास कर पाती है तो जीवन की उच्चतम अभिव्यक्ति होने की संभावना होती है। शरीर की अधिकांश बीमारियों के पीछे अस्वस्थ मन होता है। किसी दिन जब आपके मन या बुद्धि से ज्यादा काम लेते हैं या किसी दिन विचारों की उथल पुथल ज्यादा हो तो उस दिन हो सकता है आपका शरीर अधिक थकावट महसूस करें। यह सब ऊर्जाओं और आपके विचारों का खेल है, लीला है।अच्छे विचार रखने का चुनाव करने का अधिकार आपके पास सदा से ही है।      शरीर और मन के इसी संबंध को ध्यान-व्यायाम का एक प्रयोग कर समझते हैं।      आंखें बन्द करके हृदय-चक्र पर 10 सेकेंड के लिए ध्यान लगाइए.... और फिर ऐसा सोचिए कि जैसे आप घर से निकलकर सामने सड़क पर आ गए हैं... इसके बाद दौड़ना शुरु  करना है... दौड़ते हुए अपने पैरों के जोडो़ं और मांसपेशियों पर ध्यान देना कि दौड़ते हुए

स्वयं को कैसे क्षमा करें।

👉 कैसे भूलें अपनी गलतियों को : स्वयं को क्षमा करने के 5 उपाय। 🔴 कभी कभी हम कुछ ऐसा कर बैठते है या बोल देते हैं जिसके लिए हमें बाद में पश्चाताप होता है। विशेष रूप से तब जब आपने किसी अपने का दिल दुखा हो। रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय, टूटे से फिर  ना जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाय। अपने आप को और अपनी गलतियों को क्षमा करने में कुछ बातें  सहायक होती हैं। 🔵 1. दूसरों को दोष देना बंद करें : अपने आप को क्षमा करने से पहले ये जान लेना जरुरी है कि आखिर आपने किया क्या था। आपके साथ हुयी घटना को विस्तार से लिख लें और अपने उन बातों  को भी लिखें जिससे उस घटना के घटने में मदद मिली हो। किसी और व्यक्ति या परिस्थितियों को दोष देने से बचें और सिर्फ अपने आप पर ध्यान केंद्रित करें। हो सकता है ऐसे करते समय आप असहज महसूस करें। 🔴 2. क्षमा मांगने में संकोच न करें : कुछ इस तरह हमने अपनी जिंदगी आसान कर ली , कुछ को माफ़ कर दिया और कुछ से माफ़ी  मांग ली। हालाँकि माफ़ी मांगना इतना आसान नहीं होता लेकिन अगर आप किसी से माफ़ी मांगने के लिए पहल करते हैं तो ये दर्शाता है कि आपसे गलती हुयी थी और आप उसके लिए शर्मिन

Beyond Mind,What is?

Beyond Mind,What is? Thought for the day - Talking to the self Thought to Conemplate When you talk to yourself in your mind, which self do you address? And how? Usually people do not talk to their divinity, but to the most superficial aspects of their everyday personality. And often its a stream of fears, complaints and mindless repetition of old things. If we talked that way to another human being, we would have to apologise. Learning to talk properly to the self is a spiritual endeavour. Thoughts from the past and worries about the future do not create good conversation. Instead learn to talk to your mind as if it were a child. Talk to it with love. If you just force a child to sit down, he won't. A good mother knows how to prompt her child into doing what she wants. Be a good mother to your mind, teach it good, positive thoughts so that when you tell it to sit quietly, it will. Love your mind. Stay happy.Be Happy Now. 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹

आनन्द

बेल बजी तो द्वार खोला। द्वार पर शिवराम खड़ा था। शिवराम हमारी सोसायटी के लोगों की गाड़ियाँ, बाइक्स वगैरह धोने का काम करता था। " साहब, जरा काम था। " " तुम्हारी पगार बाकी है क्या, मेरी तरफ ? " " नहीं साहब, वो तो कब की मिल गई। पेड़े देने आया था, बेटा दसवीं पास हो गया। " " अरे वाह ! आओ अंदर आओ। " मैंने उसे बैठने को कहा। उसने मना किया लेकिन फिर, मेरे आग्रह पर बैठा। मैं भी उसके सामने बैठा तो उसने पेड़े का पैकेट मेरे हाँथ पर रखा। " कितने मार्क्स मिले बेटे को ? " " बासठ प्रतिशत। " " अरे वाह ! " उसे खुश करने को मैं बोला। आजकल तो ये हाल है कि, 90 प्रतिशत ना सुनो तो आदमी फेल हुआ जैसा मालूम होता है। लेकिन शिवराम बेहद खुश था। " साहब, मैं बहुत खुश हूँ। मेरे खानदान में इतना पढ़ जाने वाला मेरा बेटा ही है। " " अच्छा, इसीलिए पेड़े वगैरह ! " शिवराम को शायद मेरा ये बोलना अच्छा नहीं लगा। वो हलके से हँसा और बोला, " साहब, अगर मेरी सामर्थ्य होती तो हर साल पेड़े बाँटता। मेरा बेटा बहुत होशियार नहीं है, ये मुझे माल