Posts

Showing posts from October, 2022

मानव,आत्मा, परमात्मा

Image
जीवन क्या हैं? क्यों है? कैसा है? मैं कौन हूं?क्या यह सब जानने वाला मैं हूँ?पर यह जानने वाला कैसे जाना जा सकता है?इस सँसार में सब कुछ मन के कारण अनुभव होता है।पर मन के आधार को मन द्वारा नहीं जाना जा सकता। पर यह समझ सकते हैं कि एक आधार है मन का।आधार से ही सब कुछ प्रकट हो रहा है,अनुभव होता है और इसका कोई अर्थ नहीं है।अर्थात यह सब माया है,भ्रम है।उसे ध्यान देना या ऊर्जा देना भी व्यक्ति को उसी माया  में उलझा कर रखता है। तो फिर क्या करें?कुछ नहीं करें बस सजग रहें और सब कुछ होते हुए देखें जानें। देखें पर नहीं देखें,सुनें पर नहीं सुनें, स्वाद लें पर आसक्त न हों।सब कुछ होते हुए ऐसा जानें कि अनंत नाटक चल रहा है ।प्रतिक्रिया, निर्णय व दोषारोपण से बचें,यह मानव को माया में डूबा देते हैं। ईश्वर हमारे साथ हर समय हैं। ईश्वर की कृपा के अनुभव में सदा रहें। सत्य,प्रेम,आनंद,साहस,सजगता आदि सदगुणों की अभिव्यकि करते रहें। सबको क्षमा करें। धन्यवाद

रिश्ता प्रेम का

जब आप खुद से प्यार करते हैं तो आप भीतर से अमृत से भर जाते हैं और उस मिठास को दूसरों और दुनिया के साथ साझा कर सकते हैं। प्रेम के चमत्कारिक स्पंदन को बाहर निकालने में आप तदनुसार अपने दिल की इच्छाओं के अनुरूप खुश, सामंजस्यपूर्ण, सुंदर वास्तविकताओं को आकर्षित करते हैं। प्रेम एक जादुई चुम्बक है जो अच्छी और सच्ची सभी चीज़ों को अपनी ओर आकर्षित करता है, समस्याओं को सुलझाता और बदल देता है, और स्पष्टता और सच्चाई लाता है। आप जगत् के स्रोत हैं, विषय नहीं। जब आप खुद से प्यार करते हैं, दुनिया आपको वापस प्यार करती है। आपका अपने साथ जो संबंध है, वह एक ब्लूप्रिंट की तरह है, जो आपके दूसरों के साथ संबंधों की प्रकृति और गुणवत्ता को निर्धारित करता है। दूसरे के साथ एक सफल प्रेम संबंध बनाने और आकर्षित करने का रहस्य, चाहे आपने अभी तक 'अन्य' पाया हो या नहीं, स्वयं से प्रेम करने में निहित है। आत्म-प्रेम किसी भी मौजूदा रिश्ते को बढ़ाएगा, समस्याओं को दूर करेगा और इसे अगले स्तर पर ले जाएगा, साथ ही एक उचित समय पर एक स्वस्थ, इष्टतम संबंध को आकर्षित करेगा।

घर में एक कोना

घर चाहे कैसा भी हो, उसके एक कोने में, खुलकर हंसने की जगह रखना, सूरज कितना भी दूर हो, उसको घर आने का रास्ता देना, कभी कभी छत पर चढ़कर  तारे अवश्य गिनना, हो सके तो हाथ बढ़ा कर, चाँद को छूने की कोशिश करना, अगर हो लोगों से मिलना जुलना तो, घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना, भीगने देना बारिश में, उछल कूद भी करने देना, हो सके तो बच्चों को, एक कागज़ की किश्ती चलाने देना, कभी हो फुरसत,आसमान भी साफ हो,तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना, हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना, घर के सामने रखना एक पेड़, उस पर बैठे पक्षियों की बातें अवश्य सुनना, घर के एक कोने में खुलकर हँसने की जगह रखना. 🙏
Image
 Books Created and published on Kindle for happiness to all. 1.The Truth Meditation https://www.amazon.in/dp/B08CCY5KS9   2. Karuna Reiki Manual (Hindi) https://www.amazon.in/dp/B097RR6DQM   करुणा का अर्थ है बेशर्त दया और प्रेम की भावना। वह भाव जिसमें सभी को दुख मुक्त करने की कामना हो।दूसरों के दुखों को अनुभव कर पाना और संवेदनशील होना तथा प्रेम और करुणा के भाव से उसे तिरोहित कर उपचार देना। करुणा रेकी सीखने के बाद आत्मज्ञानी पुरुषों के साथ जो जीवित हैं या सूक्ष्म रूप में है उनके साथ आप निकटतम संबंध बना सकते हैं और इस पद्धति को लोगों के दुखों को दूर करने में प्रयोग कर सकते हैं। 3. ॥ ब्रह्मानुचिन्तनम् ॥ https://www.amazon.in/dp/B0B8F13ZFY अहं ब्रह्मास्मि यो वेद स सर्वं भवति त्विदम् । नाभूत्या ईशते देवास्तेषामात्मा भवेद्धि सः ॥ जो "मैं ब्रह्म हूँ" को अनुभव कर लेता है , वह ब्रह्म हो जाता है। ब्रह्म ही देवताओं का व हर एक का आत्मा है।किसी के पास ब्रह्म पर शासन करने की कोई शक्ति नहीं है , क्योंकि हर एक कि मूल शक्ति ब्रह्म ही है। 4. सत्य ज्ञान ध्यान https:

सब कुछ भरपूर है।

Image
सब भरपूर है। पैसा भरपूर है। जीवन भरपूर है। ध्यान भरपूर है। शाँति भरपूर है। सजगता भरपूर है। सब भरपूर है। आनंद भरपूर है। खुशी भरपूर है। प्रेम भरपूर है। सब भरपूर है। स्वास्थ्य भरपूर है। शक्ति भरपूर है। साहस भरपूर है। ऊर्जा भरपूर है। संतुलन भरपूर है। शांति भरपूर है। मौन भरपूर है। करुणा भरपूर है। कृपा भरपूर है। समृद्धि भरपूर है। रचनात्मकता भरपूर है धीरज भरपूर है सृजनात्मकता भरपूर है सब कुछ भरपूर है सहयोग भरपूर है। मित्रता भरपूर है सरलता भरपूर है सहजता भरपूर है सद्भावना भरपूर है मंगल भरपूर है सुख भरपूर है समृद्धि भरपूर है सब भरपूर है सौंदर्य भरपूर है प्रकृति भरपूर है जीवन भरपूर है चेतना भरपूर है। आजादी भरपूर है। सब भरपूर है। सत्यमहेश,भोपाल 9340188863

Reiki to overcome money blocks

Image
Reiki for Clearing Money Blocks In the Japanese language 'Rei' means universe and 'Ki' means energy. Reiki we cannot see, but which actually operates the entire universe. The Yajurveda says, "Yatha pinde tatha brahmande, yatha brahmande tatha pinde" Which means human body and the universe are inter-related and homologous. Money is a form of energy and hence when you hold any negative or limiting thoughts in your mind, you create a blockage in the flow of money. These negative thoughts are like dunes or swamp in someone's life which will keep pulling a person  deeper inside. Take these powerful steps for healing money blocks with Reiki: First of all, clear your mind from all limiting and negative thoughts and appreciate whatever you have. Make positive affirmations, write them down in your diary and repeat them mentally while doing Reiki. Stick posters in work place or any place where you can see them frequently. Eg. - 'I am worthy of making more money&