रेकी उर्जा को शक्तिशाली कैसे करें?

रेकी शक्ति की वृद्धि कैसे करें? अक्सर यह देखा जाता है कि लोग रेकी तो सीख लेते हैं, परंतु जब रेकी करते हैं तो उनको शुरू में तो अच्छा लगता है फिर धीरे-धीरे उनको लगता है कि उनके हाथों से रेकी नहीं निकल रही है।अक्सर लोग पूछते हैं कि कैसे रेकी की शक्ति को बढ़ाया जाए। इसके लिए याद रखें जो प्राण ऊर्जा है,रेकी है, वह हवा की भांति हमारे साथ हर पल रहती है और शरीर में,से लगातार प्रवाहित होती रहती है और यह प्रवाह हमारी अनुभूतियों पर,हमारे विचारों पर और हमारी समझ पर यह निर्भर करता है कि रेकी उर्जा कितनी आ रही है।तो कभी भी हमें डरना नहीं चाहिए कि रेकी नहीं आ रही है, क्योंकि प्राण उर्जा (रेकी) के बिना तो हम जीवित भी नहीं रह सकते। यह कुछ वैसी ही बात है कि जल की मछली जल की कमी के कारण दुःखी हो।आप चाहें तो अपनी रेकी उपचार शक्ति को सरल साधना के द्वारा बढ़ा सकते हैं। 
पहली विधि:- अपने हाथों को नमस्कार की मुद्रा में अपने ह्रदय पर रखें और महसूस करें कि आपके हाथों में एनर्जी किस तरह से प्रवाहित हो रही हैं। आपके हथेलियों में,आपकी उंगलियों में क्या अनुभूतियां हो रही हैं। कोई विशेष अनुभव ढूंढने की जरूरत नहीं है। यह अनुभूतियां आपके शरीर की ही हैं। इसको बस महसूस करना है।  क्या हो रहा है, केवल महसूस करें और ध्यान इधर-उधर भटक जाए तो श्वास पर ध्यान लगा लीजिए। थोड़ी देर में आपको अपने हाथों में सनसनी महसूस होने लगेगी इसके बाद यह आप 2 से 3 मिनट या 5 मिनट तक प्रतिदिन कर सकते हैं। अपने हाथों को आप अपने आज्ञा चक्र पर भी ऐसे ही जोड़ कर रख सकते हैं। देखिए, जानिए आपके हाथों में अब क्या परिवर्तन हो गया है। यह अभ्यास आप हर दिन कर सकते हैं।यह प्राण शक्ति को अनुभव करने का सरल प्रयोग है,इसे करें और अपनी उर्जा सजगता बढ़ाएं।
दूसरी विधि:- आप अपनी हथेलियों को 1 मिनट के लिए आपस में रगड़े और हथेलियों को एक दूसरे से करीब 1 इंच की दूरी पर रखें और धीरे-धीरे उनको पास में लाएं और फिर दूर ले जाएं तो आपको हथेलियों के बीच में एक सेंसेशन पता लगेगा और ऐसा लगेगा कि हाथों में उर्जा आ जा रही है और अनुभव की जा रही हैं।यह आपके शरीर की ऊर्जा है। इसको आप अनुभव करें यह गर्माहट,गुदगुदी,सनसनी आदि कुछ भी आपकी हथेलियों के बीच में पता लग सकता है।अब 
हाथों को इसी प्रकार पास और दूर करने से आपको ऊर्जा का अनुभव और ज्यादा होगा यह ध्यान रखें कि उर्जा हमारे शरीर का एक अभिन्न अंग है और जितना ही आप इसको जानेंगे, पहचानेंगे,समझेंगे उतना ही रेकी आपके शरीर में और अच्छे से काम करेगी। धन्यवाद।
तीसरी विधि:- आपको हर दिन रेकी अभ्यास करना है। एक समय निकालें 10 मिनट से आधे घंटे का बीच में और रोज स्वयं रेकी उपचार का अभ्यास करें। जितना आप अभ्यास करेंगे, उतना आप आपके हाथों में  रेकी के अनुभव बढ़ जाएंगे। रेकी शक्ति का अनुभव एक बहुत ही सूक्ष्म अनुभव है, इसलिए आपको अपनी सजगता पर ध्यान रखना पड़ेगा।हर दिन रेकी करें। अगर आपको लगता है कि आप बहुत बिजी हैं तो थोड़ी देर के लिए करें 10 मिनट के लिए करें। आपका मन शांत हो तो आपको ज्यादा से ज्यादा रेकी समझ में आएगी। हर अभ्यास में समय लगता है और अभ्यास करने से आपको लाभ भी होता है शुरू में नहीं पता लगता पर बाद में ज्ञान होने लगता है।आप एक नोटबुक बना सकते हैं इसमें आप लिखें कि हर दिन आपको क्या अनुभव आया। शरीर में,मन में,भावना में, हृदय में,हाथों में क्या अनुभूति हुई। यह सारी चीजें उसमें लिखें तो उससे आपकी रेगुलर प्रैक्टिस हो जाएगी और आपको रेकी उपचार में विश्वास जागेगा।
चौथी विधि:- इसमें  आप दूसरों को रेकी  किया करें। जितना रेकी उपचार देंगे उतना आपको लाभ होगा।आपका रेकी का अनुभव हर बार नया होता है,वह भी आपको पता लगेगा। 
हर दिन खाने को रेेकी दें।पानी को रेकी दें।पृथ्वी को रेकी दें। घटनाओं को रेकी दें।परिवार को रेकी दें।टीवी देखते हैं तब रेकी दें। नहाते समय  रेकी दें। सोते समय बिस्तर को रेकी दें।
इससे आपकी रेकी शक्ति ज्यादा प्रभावशील होगी।
रेकी का हर दिन प्रयोग करना आपकी रेकी के प्रति संवेदनशीलता को कई गुना बढ़ा देता है और आप आनंदपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं।
तो आज से ही रेकी अभ्यास आरंभ करें और मौज में रहें।

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