रेकी दिनचर्या

रेकी दिनचर्या - संपूर्ण स्वास्थ्य एवं रूपातरण के लिये।
रेकी शक्ति प्राप्त करने के बाद आपको यह ज्ञान हो जाता है कि सब कुछ ऊर्जा है और उर्जा विचारों से निर्देशित होती है।इसलिए हर दिन रेकी ऊर्जा का लाभ लेते रहने के लिए अपने आप को ऊर्जा रूप में जानते रहने के लिए तथा जीवन में निरंतर उन्नति प्राप्त करने के लिए निम्न रेकी दिनचर्या का प्रयोग करें।

प्रातः उठते ही प्रार्थना करें- हे ईश्वर,आपकी कृपा से मेरे दोनों हाथ सौभाग्यशाली है, औषधीयुक्त स्पर्श वाले हैं, पूर्ण शक्तियुक्त है इन हाथों से हम सबके जीवन में प्रेम, सहयोग, स्वास्थ्य एवं समृद्धि फैला सकें।
अपने हाथों को रगड़कर आंख पर रख दें। अगम अगोचर सर्वव्यापी परमेश्वर की धारणा करें। इतना सब कुछ,इतनी शक्तियां देने के लिये (Abundance के लिये) हृदय से धन्यवाद दें।तत्पश्चात उत्साह से नवजीवन का अनुभव करते हुये सबसे पहले उठकर घर के बाहर आकाश को देखें, सूर्य को देखें, पेड़ पौधों, पक्षियों को प्रेम से देखें, चारों तरफ बहती हुई जीवन की तरंगों को अनुभव करें। द्वितीय डिग्री में बताई गई पेट से श्वास लेने की 21 बार गहरी श्वास का अभ्यास करें।
आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारकर ताजे हो जाये।
1 ग्लास ठंडा पानी  हाथों में लें और उस पर हाथ रखकर रेकी दें या पावर सिम्बोल डालकर चार्ज करें, जो कामना इस वक्त आपके लिये सबसे महत्वपूर्ण हैं, उसको रेकी देते हुये कल्पना करें कि वह आप प्राप्त कर चुके हैं (चाहे स्वास्थ्य हो, समृद्धि हो, पारिवारिक संबंध हो या समस्या से मुक्ति हो) और इस जल को पूरी श्रद्धा के साथ पीकर ये अनुभव करें ये तरंगे रोम-रोम से व्याप्त हो गई है।
अब जो भी पेय आप पीते हैं उसको प्रेमपूर्वक पूजा की तरह पूरी तरह डूबकर आनंद लेते हुये पिये (Casual नहीं) जैसे सजगता से चाय पीना भी एक आराधना होती है।
शौच करने के लिये अपने दोनों हाथ आंतों पर रख दें और पूरा ध्यान मूलाधार चक्र पर लायें और सहज मल निष्कासन की कामना करें। मल निष्कासन के बाद नाभि का सारा निचला हिस्सा, गुदा एवं जननेन्द्रिय भाग को ठंडे पानी से धोकर ठंडा करें ( इससे पेट की गर्मी शांत होती हैं और पेट के ऊपर की बीमारियां ठीक होती है) -
10 मिनट कुछ योग प्राणायाम अवश्य करें, टाले नहीं ( वरना मन में टालने की आदत हो जायेगी। 
(घूमकर आये, योगासन करें, नाचे, खेले।)
यदि आप शांत अंतमुखी स्वभाव के है तो सक्रिय, तेज व्यायाम करें यदि आप उत्तेजना वाले बाह्यमुखी हैं तो योगासन करें अपने स्वभाव के ठीक विपरीत व्यायाम करें।
व्यायाम पूरे आनंद से करें बोरियत की तरह नहीं क्यूंकि व्यायाम का अर्थ है प्राण ऊर्जा को भरपूर ग्रहण करना, इससे अंगों की क्षमता का विकास होता है।
जिस दिन व्यायाम नहीं उस दिन भोजन नहीं।
स्नान करने से पहले बाल्टी में पानी भर लें और कुछ सेंकड पानी को रेकी करते हुये मन से भावना करें ये जल रेकी ऊर्जा से उर्जान्वित: होकर आपके तन मन को शुद्ध कर निरोगिता प्रदान करें।
सदा ताजे ठंडे पानी से नहायें, ताजा पानी शरीर को त्वचा को गर्म और सुंदर रखता है, गर्म पानी से त्वचा ढीली, कमजोर और ठंडी होती है इसलिये ठंडी में गर्म पानी से नहाना ही हो तो कुन-कुने पानी से नहाकर अंत में हल्क ठंडे पानी से नहाकर स्नान समाप्त करें या नहीं तो अंत में ठंडे पानी के तौलिये से स्पंज कर लें। इससे ताजगी प्राप्त होगी, ठंड नहीं लगेगी।
चाहें तो स्नान को ही व्यायाम का रूप दे सकते हैं नहाने से पहले सारे शरीर को 10-15 मिनट खूब अच्छी तरह एक खुरदरे सूखे तौलिये से घर्षन कर गर्म कर दें, इसके बाद रगड़-रगड़ कर अच्छी तरह ठंडे पानी से नहाये नहाकर सारे शरीर को तौलीये से खूब रगड़कर शरीर के गर्म होने तक पोछें।
नहाने के बाद तैयार होकर, जो समय के अनुकूल सुविधा जनक हो, वह प्रयोग करें।
(क) 'ॐ' का 20 मिनट ध्यान करें।
(ख) शरीर के मुख्य अंगों की रेकी करें
ग) प्रथम डिग्री के उपचारक हर चक्र को 5-5 मिनट चार्ज करें और सेकंड डिग्री के पावर सिम्बोल से चार्ज करें और चक्रों को संतुलित
करें।
अंत में :- अचेतनमन या विश बॉक्स या दूर उपचार द्वारा अपने इच्छाओं का या जीवन की समस्याओं का 10 मिनट उपचार करें।
रात को 9 से 11 और सुबह 4 से 7 के बीच रेकी तरंगे एवं दूर उपचार शीघ्र प्रसारित होकर सफलता प्रदान करती है। क्यूंकि इस समय वातावरण में अन्य तरंगे शांत रहती हैं।
अब अपने ऊपर सुरक्षा कवच बनाकर आप दिन भर के लिये सभी नकारात्मक दृष्टियों, वातावरण एवं नकारात्मक ऊर्जाओं से आपका बचाव हो ऐसी भावना करते हुये काम पर जायें।
यदि आप स्फटिक का प्रयोग करते है तो स्फटिक हाथ में लेकर शुद्ध कर दुबारा उसी कामना के लिये चार्ज कर फिर पहन लें।
अब जो नाश्ता भोजन आप दिन भर में करते हैं उसे भी रेकी ऊर्जा से चार्ज कर ऊर्जान्वित कर ही खायें, भोजन को पूजा की तरह, एक आराधना की तरह श्रद्धापूर्वक पूरी तरह डूबकर ग्रहण करें, बातचीत से बचे ताकि भोजन के एक एक निवाले का पूरा स्वाद व आनंद ले सके।
जो स्त्रियां भोजन तैयार करती है वह भोजन को रेकी से चार्ज कर परिवार के स्वास्थ्य व मंगल की कामना करते हुये उन्हें परोसे।
जो स्त्रियां घर संभालती है वह घर की पूरी सफाई के बाद सारे कमरों की नकारात्मक ऊर्जायें रेकी सिंबल से निकालकर उनको रेकी ऊर्जाओं से चार्ज करें,अगरबत्ती, धूप दिया जलाकर, प्रार्थना कर या फूल रखकर घर को ऊर्जान्वित करें।
घर में नकारात्मक ऊर्जाओं का कोई प्रकोप हो तो घर के बाहर रेकी सिंबल से चार्ज कर, घर को सुरक्षा कवच में बांध दें, स्थाई सुरक्षा के लिये स्फटिक प्रयोग करें।
घड़े में, जल में स्फटिक डालकर सारे जल को चार्ज कर दें, सबके स्वास्थ्य एवं मंगल के लिये।
घर को हर समय सकारात्मक ऊर्जाओं से भरा रखने के लिये दोनों प्रहर धूप दियाबत्ती, प्रार्थना अवश्य करें व सकारात्मक सोच रखें।
हर दिन घर के हर कमरे को रेकी ऊर्जा से चार्ज करें।
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं से बचने के लिए सकारात्मक सोच रखें।
रेकी के अनेक प्रकार के प्रयोग सीखने के लिए मेरी पुस्तक का लाभ लें।

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