आनन्द ही आनन्द है।

इस धरती पर जन्म लेने वाला हर मनुष्य ईश्वर की कृपा है। इस बात को मन भुला देता है,इसीलिए उसे मनुष्य कहा गया है, ईश्वर नहीं। वास्तविकता में ईश्वर ही मनुष्य की आकृति में प्रकट होता है और फिर भूल जाता है कि वह ईश्वर है। वह क्यों भूल जाता है? इसका एक कारण है कि अगर ईश्वर यह याद रखेगा कि वह ईश्वर है तो वह मनुष्य होने का आनंद नहीं ले पाएगा। मनुष्य होने का आनंद है कि मनुष्य बन कर ईश्वर को जाना जाए, पहचाना जाए और अनुभव किया जाए और उस आनंद को अभिव्यक्त किया जाए। हम,आप,वह, इस धरती पर सारे लोग उसी ईश्वर की अभिव्यक्ति हैं। परंतु अज्ञान वश भेद बुद्धि के कारण मनुष्य तुलना करता है, अच्छा, बुरा मानता है, गलत, सही करता है और इसके द्वारा जो भ्रांतियां होती हैं, उन्हें दूर करने के लिए विभिन्न उपाय करता है। वास्तविकता यह है कि मनुष्य ना कर्ता है, न ही भोक्ता। न कर्म है और नही कर्म बन्धन।हाँ, अज्ञान में किए गए कर्म बंध बना सकते हैं।इस ब्रह्मांड में सब कुछ प्रकृति के द्वारा स्व घटित स्वचालित हो रहा है। हम आप सभी कठपुतली के समान  नाटक खेल रहे हैं और इसको अपना संसार मानकर सुख और दुख में डूबते और तैरते रहते हैं। यही माया है।जो है नहीं उसी को दूर करने का कार्य किया जा रहा है।
भारतीय दर्शन व संस्कृति इसी सत्य को मानव मात्र को उपलब्ध कराते हैं।
यह संसार जैसा प्रतीत होता है वैसा है नहीं।और जिस चैतन्य के कारण यह संसार प्रतीत होता है,उस पर ध्यान रखना ही जीवन का हेतु है, उद्देश्य है।
ईश्वर आनंद है।जीवन आनंद है। जीवन परम आनंद है जीवन शांति है जीवन सजगता है जीवन केवल और केवल आनंद है महा आनंद है। मैं भी आनंद हूं। सब कुछ आनंद है। माता भी आनंद है। पिता भी आनंद है। दादा भी आनंद हैं।दादी भी आनंद है।नाना भी आनंद है। नानी भी आनंद हैं। भाई भी आनंद है। भाभी भी आनंद में ।बहन भी आनंद है। जीजा भी आनंद है। बेटा भी आनंद है। बहू भी आनंद है। बेटा भी आनंद है।बेटी भी आनंद है। पोता भी आनंद है। फ्रिज टीवी आनंद है। घर भी आनंद है बाहर भी आनंद है भीतर भी आनंद है बाहर भी आनंद है पति भी आनंद है पत्नी भी आनंद है हर सांस आनंद है हर शब्द आनंद है हर दृश्य आनंद है हर स्पर्श आनंद है। खुशबू भी आनंद है बदबू भी आनंद है अच्छा भी आनंद है बुरा भी आनंद है तू भी तो आनंद है मैं भी तो आनंद ही आनंद ही आनंद है आनंद ही आनंद है सब कुछ आनंद है आनंद ही आनंद है।
सत्यमहेश सेठ
16.05.2022

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