नाम और संस्कार

*बच्चों का नाम बहुत सावधानी से रखें।*

सनातन धर्म में सोलह संस्कार बताए गए हैं। इनमें से नामकरण संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण संस्कार में माना गया है। नाम किसी भी व्यक्ति के लिए पूरे जीवन की पहचान होता है। 
        ज्योतिष के अनुसार, नाम का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव और भाग्य पर भी पड़ता है। इसलिए नाम रखने से पहले कुछ बातों पर विचार जरूर कर लें। तो चलिए जानते हैं कि बच्चे का नाम रखने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए :-

 *नाम के अर्थ का रखें ध्यान।*

आज के समय में लोग चाहते हैं कि उनके बच्चें का नाम कुछ हटकर नया होना चाहिए। इसलिए जो नाम वे सीरियल या फिल्मों में देखते हैं, वही नाम वे अपने बच्चों का रख देते हैं, लेकिन बच्चें का नाम रखने से पहले उसका अर्थ जानना बेहद जरूरी होता है। अपने बच्चें के लिए एक ऐसा नाम चुनें जिसका अर्थ अच्छा व सकारात्मक हो, क्योंकि बच्चें के नाम का प्रभाव उसके पूरे व्यक्तित्व पर पड़ता है।।

*नामकरण के लिए सही   दिन का चुनाव करें*

नामकरण के लिए चुनें सही दिन-
                बच्चे के जन्म के बाद ग्यारहवें या सोलहवें दिन नामकरण संस्कार किया जाता है लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उस दिन पूर्णिमा या अमावस्या तिथि नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा यदि गंडमूल में बच्चे का जन्म हुआ है तो पूरे सत्ताइस दिनों के बाद ज्योतिष की सलाह से ही नामकरण संस्कार करना चाहिए।
         जन्म से पहले ही गंड मूल के नक्षत्र ना देखें आजकल देखा गया है कि बच्चे ऑपरेशन से होते हैं इसीलिए डॉक्टर लोग दिन निश्चित करने के लिए लोगों से कह देते हैं और लोग गंड मूल पहले ही चेक कर लेते हैं इसके कारण से बच्चों की जन्मपत्री कभी भी सही नहीं बन पाती क्योंकि जन्म का समय परमात्मा ने नहीं आप निश्चित कर दिया होता है। 

*नामांक, मूलांक, भाग्यंक मित्र हो व राशि/नक्षत्र से भी हो तालमेल।*

यदि बच्चे के नाम का नामांक उसके मूलांक व भाग्यंक के अनुकूल हो अर्थात नामांक, मूलांक और भाग्यांक की आपस में मित्रता हो और साथ- साथ आपकी जन्म राशि व जन्म नक्षत्र का भी आपके नामांक से तालमेल हो तो इस तरह का नाम आपके बच्चे के जीवन में उन्नति प्रदान करने वाला होता है।।

    *अलग-अलग नाम नहीं रखने चाहिए।*

अक्सर देखने में आता है कि लोग प्यार से बच्चे को अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। घर का अलग नाम होता है तो वहीं बाहर का नाम अलग होता है, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। घर और बाहर दोनों के लिए एक ही नाम रखना चाहिए। अलग-अलग नाम होने पर बच्चे को कई बार परेशानी उठानी पड़ती है।"

  *अर्थहीन व हल्की ऊर्जा वाले नाम ना रखें*

कई बार प्यार से बच्चें को अर्थहिन नामो से पुकारा जाता है, जैसे :- पप्पू, गप्पू, चिंटू, मिंटू, चुन्नू , मुन्नू, रॉकी, जॉकी आदि, इसका बच्चे पर बहुत गलत प्रभाव पड़ता है।
        
*अतः ध्यान रहे कभी प्यार से भी अपने बच्चों को हल्की ऊर्जा वाले अर्थ हीन नामों से नहीं पुकारें।। नाम वही रखना चाहिए । जो ग्रह - नक्षत्रों के आधार होने के साथ नाम का अर्थ हो। आगे चलकर वहीं बच्चा कीर्तिमान स्थापित करता है। साथ ही अपने कुल का नाम रोशन करता है, सनातन धर्म इतना महान हैं की हर एक छोटी छोटी बात का भी विशेष ध्यान रखा गया हैं, जय सिया राम🚩*

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